Sunday, January 12, 2020

How to control epilepsy/ mirgi naturally

*प्राकृतिक तरीके से पाएं मिर्गी पर काबू*

*बहुपयोगी है तुलसी*
तुलसी के पत्तों को पीसकर शरीर पर मलने से मिर्गी के रोगी को लाभ होता है। तुलसी की पत्तियों के साथ कपूर सुंघाने से मिर्गी के रोगी को होश आ जाता है। रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग की गंभीरता में गिरावट देखी जाती है।

*असरकारी नीबू,*
मिर्गी की बीमारी से राहत पाने के लिए एक नीबू पर थोड़ा-सा हींग का पाउडर छिड़ककर इसे चूसें। नीबू में हींग पाउडर या गोरखमुंडी मिलाकर रोजाना चूसने से कुछ ही दिनों में मिर्गी के दौरे आने बंद हो जाएंगे। 

*👉इन उपायों को भी आजमाएं*
1.  अंगूर का रस प्रात:काल खाली पेट लेना चाहिए। यह उपचार करीब छह माह करने से सुखद परिणाम मिलते हैं।

2. एप्सम साल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) मिश्रित पानी से रोगी को स्नान करना चाहिए।

3. गीली मिट्टी को रोगी के पूरे शरीर पर लगाना अत्यंत लाभकारी उपचार है।

4. मिर्गी रोगी को 250 ग्राम बकरी के दूध में 50 ग्राम मेहंदी के पत्तों का रस मिलाकर दो सप्ताह तक सुबह के समय पीने से दौरे बंद हो जाते हैं।

5. पेठे का जूस नियमित पीने से ज्यादा लाभ होता है। रस में शक्कर और मुलहटी का पाउडर भी मिलाया जा सकता है।

6. गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फायदा पहुंचाता है।

7. राई पीसकर चूर्ण बना लें। जब रोगी को दौरा पड़े, तो सुंघा दें, बेहोशी दूर हो जाएगी।

8. सेब का जूस पीने से भी लाभ होता है।